शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki
शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki
शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki
शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki
शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki

शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki

शब्द शब्द में ब्रह्म वास है जिनकी हर प्रेरणा अभिराम है ।
गुरु मार्गदर्शन में अभ्यासित रहना जीवन का व्यायाम है ।
प्रथम गुरु मां से लेकर जिसने भी जीवन जीना सिखाया है।
नित नतमस्तक होकर उन गुरुओं के चरणों में प्रणाम है ।
-Yashoda Solanki
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